Friends of Farmers - An Initiative by Beyond Organics LLP


 Friends of Farmers किसान मित्र

Idea: नए बने कृषि कानूनों के अनुसार किसानों को ना सिर्फ अपनी फसल को प्रोसेसिंग / वैल्यू अडिशन करके मंडियों के बजाये सीधे ग्राहक तक जुड़ना होगा बल्कि ग्राहक को ध्यान मे रखकर खेती करनी होगी। ग्राहक हमेशा से किसी भी उत्पादन प्रणाली या विपणन प्रणाली का केंद्र रहा है। मोटे तौर पर किसान अभी तक सीधा ग्राहक से रूबरू नही हुआ है और अपना सामान मंडियों मे थोक के भाव मिडिल मैन को बेचते रहने के कारण उसके पास शहरी ग्राहक से जुड़ने के माध्यम भी नही है। दूसरी तरफ किसान शहरी ग्राहक की उत्पाद की चॉइस से भी नासमझ है। जैसे किसान क्विंटल के हिसाब से गेंहू बेचता है जबकि शहरी उपभोक्ता मात्र कुछ किलो के हिसाब आटा खरीदता है। शहरी ग्राहक एक पाव पिसी हुई हल्दी का पैकेट खरीदता है वही किसान सबूत हल्दी क्विंटल मे बेचता है। किसान धान बेचता है वही शहरी उपभोक्ता धान के बजाये चावल खरीदता है। प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग, वैल्यू addition, डिलीवरी, फंड्स ट्रांसफर्स इत्यादि मे भी किसान वर्ग शहरी उपभोक्ताओं की बेमेल जोड़ी है।

इस जोड़ी की कड़ी को वर्तमान मे मिडिल मैन कहते है। ये मिडिल मेन सीजन मे सारा स्टॉक किसान से खरीदकर होल्ड करते है और उसे पूरे साल पाव, आधा किलो करके टुकड़े टुकड़े मे बेचते है। सरकार का कहना है कि कई बार ये मिडिल मैन ग्राहक ओर किसान दोनों के लिए हानिकारक होते रहे है। ना ही किसान को उपज का जायज मूल्य मिलता ना ही किसान के सस्ता बेचने के बावजूद ग्राहक को उत्पाद सस्ते मिलते। तो ऐसे हालात मे किसान व ग्राहक का एक मंच पर आना समाधान हो सकता है। पर उपरोक्त कारणों से ये बेमेल जोड़ी बन नही पाती और ग्राहक व किसान दोनों का ही नुकसान होता है। इस बेमेल को मेल कैसे कराया जाए ये एक चैलेंज है।
ऐसे मैं हमने महसूस किया कि शहरों मे एक ऐसी ट्रांसिशनल पीढ़ी है जिसका जन्म तो गांव मे हुआ मगर ये पीढ़ी पढ़ लिख कर शहरों मे नोकरिया करती है। ये पीढ़ी जहां एक तरफ खेती किसानी को समझती है वहीं दूसरी तरफ खुद शहरी उपभोक्ता होने के कारण शहरी उपभोक्ताओं की जरूरत को समझती है। ये पीढ़ी अगर इन शहरी उपभोक्ताओं ओर किसानों के बीच एक पुल का काम करे तो किसान और उपभोक्ताओं का फायदा निश्चित है। हमने करीब 8 दर्जन लोगों से बाते करके जो सीखा वो निम्नवत है.......
शहरी उपभोक्ताओं की जरूरतें: उत्पाद विश्वसनीय हो। बहुत से उपभोक्ता खुद गांव तक खरीदने पहुंचते भी है मगर उन्हें प्राकर्तिक या ऑर्गेनिक या गौ आधारित खेती के नाम पर जो उत्पाद मिलता है ना उसके उगाये जाने की प्रक्रिया का अता पता होता ना कोई कोई प्रमाणीकरण, ना ही किसान किसी टेस्टिंग वगैरा से अपने उत्पाद का स्टैण्डर्ड स्थापित कर पाता है। दूसरी समस्या है प्राकर्तिक/नेचुरल फार्मिंग के कारण उत्पादों का महंगा होने। अच्छे उत्पादों का महंगा होने भी एक हद तक जायज हो सकता है मगर उत्पादों की क्वालिटी के किसी भी प्रमाणिक तौर तरीकों के अभाव मे ग्राहक उत्पाद की दुगनी तिगनी कीमत क्यों दे ये ग्राहक का जायज सवाल है। इसके अलावा ग्रेडिंग व अच्छे पैकेजिंग मेटेरियल के अभाव मे ग्राहक के घर पर उत्पाद के क्षय का डर भी बना रहता है।
किसानों की जरूरतें: किसान की फसल आते ही उसे उसके जायज दाम मिल जाये। कोई उन्हें प्रोसेसिंग की बारीकियां सीखा दे। कोई GST का घालमेल समझ दे, कोई बताये की FSSAI का लाइसेंस क्यों जरूरी है और कहां से मिलेगा। जैसे किसान के घर कई तरह के अनाज होने के बावजूद मल्टी ग्रेन आटे के सही स्वाद के लिए कौनसी कौनसी चीज कितनी कितनी मिलाकर पीसनी है ये किसान नही जानता। वैसे ही अचार जेम, जेली, ड्राई फल सब्जियों को कैसे प्रोसेस पैकेज करके शहरी उपभोक्ता तक logistically पहुंचाया जाए। कैसे किसान अपने उत्पाद को किसी अमेजन, फ्लिपकार्ट इत्यादि e-commerce वेबसाइट पर लिंकिंग की जाये। शहर मे ग्राहक कैसे खोजे जाये।
ऐसी समस्याओं के निर्धारण करने के बाद हमे आशा की किरण दिखाई दी उन किसान पुत्रो या फर्स्ट टाइमर शहरी उपभोक्ताओ(जिन्हें आगे फ्रेंड्स ऑफ फार्मर्स FOF कहा जाएगा) मे जिनकी आत्मा तो किसानों का भला चाहती है। ये
FoF ग्राहक को उसके पैसे के सही दाम, सही मात्रा, सही क्वालिटी, सही समय पर डिलीवरी आदि सीधे किसानों से करवा सकते है। बस करना इतना है कि ये गुड सिटीजन Friends of Farmers के एक फॉर्मल नेटवर्क मे जुड़ जाएं। और इनमे जहां जहां जिन जिन की एक्सपर्टीज(विशेषताएं) है वहां वहां ग्राहक ओर किसान की मदद कर पाये। ये कोशिश 3 महीने से जारी थी और ऐसे 10 किसानों के एक समूह( #फार्म_ट्राइब) ने मात्र 21-21 हजार की पूंजी जुटाकर दिल्ली पश्चिम विहार मे एक जगह खोजकर अपने अपने उत्पाद अगले 10 दिनों मे दिल्ली पहुंचाने की प्रक्रिया स्टार्ट कर दी है।
#Friends_of_Farmers: ये समूह क्या काम करेगा? ओर क्यों काम करेगा? ये ऐसे किसानों को जोड़ेंगे जो प्रमाणिक खाद्य पदार्थो का उत्पादन करते हो। ये समूह ऐसे शहरी उपभोक्ताओं तक किसानों का मैसेज पहुंचाएंगे जो अच्छी प्रमाणिक भोज्य सामग्री सही दाम मे खरीदना चाहते है। ये #फार्म_ट्राइब नामक किसान समूह अपने उत्पादों को बेचने के अलावा दूसरे किसानों के विभिन्न उत्पादों पर सिर्फ 12 से 16 प्रतिशत मार्जिन पर काम करके दिल्ली उपलब्ध कराएंगे। Friends of Farmers (FOF) को शहरी उपभोक्ताओं से जोड़ने के लिए #फार्म_ट्राइब उन्हें उनके परिवार के लिए वही क्वालिटी उत्पाद एक निश्चित डिस्काउंट पर उपलब्ध कराएगी। Of course their are no free lunch.
ये कार्य कैसे कैसे आगे बढ़ेगा उस डिटेल्स के लिए पेज को लाइक करे। अगर आपके पास हफ्ते मे 1 घण्टा किसान हितों मे देने के लिए है तो फ्रेंड्स ऑफ फार्मर्स (FOF) के हिस्से बनने के लिए अपने नंबर को पेज पर लगे व्हाट्सएप बटन पर क्लिक करके या कमेंट मे छोड़ दे। आपको अगले तीन दिनों मे इसकी कार्यकारी योजना भी इसी पेज पर मिलेगी। अगर आप किसान है और कोई प्रमाणित उत्पाद पैदा करते है ओर अनाप-शनाप दामो के बजाये उसे प्रतिस्पर्धी मूल्य पर बेचना चाहते है तो आपके लिए ये एक बेहतरीन मंच साबित हो सकता है। आप भी अपने उत्पाद का नाम और नंबर छोड़े।

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